मुजफ्फरनगर। कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ते ही शहर के साथ-साथ कस्बों और गांवों में लॉकडाउन को लेकर सख्ती बढ़ गई है। पुलिस ग्रामीणों के बाहर निकलने पर निगरानी कर रही है। जिन गांवों को सील किया गया है, वहां पुलिस की गाड़ियों की आवाज ही सन्नाटे को चीर है। ऐसे में किसानों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। वहीं गेहूं की फसल पककर तैयार है। साथ ही 25 फीसदी से अधिक गन्ना खेतों में खड़ा है।
अभी तक शहर और कस्बों में ही पुलिस लॉकडाउन को लेकर ज्यादा सख्ती कर रही थी, लेकिन तीन जमातियों समेत चार लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद गांवों में सख्ती बढ़ा दी गई है। सिसौली, शेरनगर, पुरकाजी को सील किया गया है। इनके आसपास के गांवों में भी सख्ती बढ़ा गई है। अन्य गांवों में भी पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। सुबह से लेकर रात्रि तक पुलिस गांव में पहुंचकर लोगों को घर में रहने की हिदायत दे रही है। किसानों और श्रमिकों के एकत्र होकर खेतों में जाने पर पाबंदी लगाई गई है। इससे अन्नदाता के सामने समस्या गहरा गई है। गेहूं की फसल तैयार है, लेकिन कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। थ्रेसिग कार्य के लिए श्रमिकों का टोटा है। थ्रेसिग करने वाले इस बात को लेकर चितित हैं कि मशीनरी में खराबी आने पर मरम्मत कहां कराएंगे। कोल्हू में भी गन्ने की पेराई प्रभावित है। मिलों से किसानों को पर्याप्त पर्ची नहीं मिल रही हैं। ऐसे में खेतों में खड़े गन्ने को लेकर किसान हलकान हैं।लॉकडाउन के चलते पशुओं के लिए हरे चारे की समस्या भी गहरा गई है। बड़ी संख्या में किसानों के यहां भूसा भी नहीं है।
किसानों और श्रमिकों को खेती कार्य की छूट दी गई है, लेकिन समूह के रूप में नहीं जाना है। थ्रेसिग कार्य में दिक्कत न हो, इसके लिए जल्द ही सर्विस सेंटर खोले जाएंगे। खाद-बीज की दुकानों भी खोली जा रही हैं।
-जसवीर सिंह तेवतिया, जिला कृषि अधिकारी